जगदलपुर । मनुष्यों के पाप पुण्य का लेखा रखने वाले तथा सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश कायस्थों के इष्ट देव भगवान श्री चित्रगुप्त जी के प्राकट्य उत्सव कार्यक्रम को भव्य एवं दिव्य रूप से मनाने कायस्थ समाज जगदलपुर ने सभी तैयारी पूर्ण कर लिया है ।
जगदलपुर के अलग-अलग मोहल्ला/ वार्ड में समाज के पदाधिकारी समाज के सदस्यों से लगातार सघन जनसंपर्क कर उन्हें भगवान चित्रगुप्त जी के प्राकट्य उत्सव में सपरिवार आने को आमंत्रित कर रहे हैं। वहीं जगदलपुर के अलग-अलग सनातनी हिंदू समाज को भी विशेष रूप से भगवान के इस उत्सव कार्यक्रम में आमंत्रित किया जा रहा है।
कायस्थ समाज जगदलपुर के सचिव गजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 18 मई, शनिवार को भगवान श्री चित्रगुप्त प्राकट्य उत्सव भव्य एवं दिव्य रूप से स्थानीय श्री चित्रगुप्त मंदिर चित्रांश भवन, सिविल लाइन, लालबाग में संपन्न होगा जिसमें जगदलपुर तथा आसपास के गांव में रहने वाले सभी कायस्थ समाज के सदस्य इसमें शामिल होंगे। जिसमें 18 मई की सुबह 8:00 बजे भगवान का अभिषेक, आरती होगा। उसके पश्चात दोपहर 2:00 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी श्री दीपक श्रीवास्तव एवं श्री राजीव निगम के नेतृत्व में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न होंगे जिसमें बच्चों की रंगोली ,चित्रकला, नृत्य प्रतियोगिता होगी और महिलाओं की कुर्सी दौड़ और गायन प्रतियोगिता भी होगी। संध्या 4:00 बजे पूजन, हवन होगा। संध्या 5:00 बजे समाज के सभी सदस्य भगवान श्री चित्रगुप्त जी की भव्य शोभा यात्रा चित्रांश भवन से निकालेंगे ,जिसमें अन्य समाज के सनातनी हिंदू भाई बहन भी सम्मिलित रहेंगे। यह शोभा यात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से निकलकर वापस चित्रगुप्त मंदिर में पहुंचेगी जहां समस्त कायस्थ जन एक साथ मिलकर भगवान श्री चित्रगुप्त जी की सामूहिक महाआरती करेंगे। उसके पश्चात समाज के वयोवृद्ध सदस्यों को तथा विशेष उपलब्धि हासिल किए सदस्यों का समाज के द्वारा *कायस्थ रत्न व भगवत गीता* की पुस्तक देकर सम्मानित किया जाएगा और विजेता प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
कायस्थ समाज जगदलपुर के अध्यक्ष अर्जुन श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिवर्ष वैशाख शुक्ल, गंगा सप्तमी के दिन भगवान श्री चित्रगुप्त के प्राकट्य उत्सव का कार्यक्रम समाज के द्वारा हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है। चूंकि भगवान श्री चित्रगुप्त सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं। अतः अंग्रेजी हुकूमत के समय से भारत के समस्त न्याय के मंदिर (न्यायालय) में स्थापित विदेशी (यूनानी) न्याय की देवी की प्रतिमा के स्थान पर भगवान श्री चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव इस कार्यक्रम में पारित किया जाएगा ।