वृक्ष कबहुँ न फल भखे, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारणे, साधुन धरा शरीर ।।
-स्वर्वेद
जगदलपुर। सन्त प्रवर जी के “पावन जन्मदिवस” 28 अक्टूबर को सारे सन्त–समाज में “रक्त–दान दिवस” के रूप में मनाया जाता है और मानव–सेवा के इस अनुष्ठान को जीवन–दान के रूप में इसे पूरे सन्त–समाज में अत्यन्त उत्साहपूर्वक सम्पन्न किया जाता है । इस दिन सन्त प्रवर जी स्वयं अपना रक्तदान कर समाज–सेवा की एक उच्च मिसाल कायम करते हैं ।
इस क्रम में सम्पूर्ण भारत वर्ष, कुछ अन्य देशों के साथ साथ जगदलपुर (जिला बस्तर) छत्तीसगढ़ के महर्षि सदाफलदेव आश्रम में भी रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया । इस शिविर में बस्तर संभाग के सातों जिलों के सदगुरु शिष्य, प्रेमी, अनुरागी, जिज्ञासु, समाज सेवी जन उपस्थित होकर उत्साह पूर्वक रक्तदान तो किए ही, साथ ही शिविर आयोजन को सफल करने में आवश्यक सहयोग किए ।
रक्त दान शिविर में विहंगम योग संत समाज के सदस्यों के अलावा जगदलपुर नगर के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे । शिविर के मुख्य अतिथि श्याम सोमानी जी, अध्यक्ष, बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स, जिला बस्तर l विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीधर मद्दी जी, कैलाश चौहान जी, गजेन्द्र श्रीवास्तव जी, आर डी तिवारी जी, राकेश दुबे जी, मुकेश तिवारी जी, कैलाश राठी जी रक्त दान शिविर में उपस्थित होकर रक्त दाताओं का उत्साहवर्धन किया ।
इस अवसर पर सम्माननीय अतिथियों और गणमान्य नागरिकों ने आश्रम परिसर में अपनी अपनी माताओं के नाम पर पौधारोपण कर, आयोजन को और सार्थकता प्रदान किए ।शिविर में 100 से अधिक यूनिट रक्तदान हुआ ।