1957 की क्रांति में निमाड़ इलाके में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ किया था सशस्त्र विद्रोह
मुर्गेश शेट्टी,बीजापुर। कंवर समाज बीजापुर द्वारा 9 अक्तूबर को क्रांतिकारी वीर शहीद सीताराम कंवर के शहादत दिवस पर स्थानीय गोंडवाना भवन में कार्यक्रम आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर कंवर समाज के जिला अध्यक्ष कमलेश पैकरा ने बताया कि मध्यप्रदेश में निमाड़ के बड़वानी रियासत परिवार में पैदा हुए सीताराम कंवर अंग्रेजों से लोहा लेेते हुए 1857 के युद्ध मेें शहीद हुए थे। आजादी के संघर्षों में वीर शहीद सीताराम कंवर का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाना चाहिए था पर ऐसा नहीं हो सका। ब्रिटिश दस्तावेजों और पत्रों के अध्ययन से इसका खुलासा संभव हो सका है। सीताराम कंवर गोंडवाना साम्राज्य जबलपुर में शंकर शाह व रघुनाथ शाह के गुप्तचर सेना के प्रमुख थे। अंग्रेजों ने धोखे से सीताराम की गोली मरवा दिया था। इस आदिवासी वीर योद्धा ने समाज को एक नई दिशा दी है।कार्यक्रम में समाज के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पमाला चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जग्गूराम तेलामी, गोंडवाना समन्वय समिति के अध्यक्ष अमित कोरसा, गोंड समाज के सीएस नेताम, कामेश्वर दुब्बा, परधान समाज के श्रवण सैंड्रा, हल्वा समाज के सीताराम मांझी, मुरिया समाज के बुधराम तेलम, विनय उइके सहित बुद्धेश्वर सिंह पैंकरा, एलडी कंवर, डोमन सिंह कंवर, खिलेश्वर सिंह कंवर, डॉ तरुण सिंह कंवर, उत्तम सिंह पंचारी, योगेश्वर कपूर, रामहित पैकरा, पुरुषोत्तम पैंकरा, तारकेश्वर सिंह, ओम प्रकाश कंवर, ममता नाग, विनीता बघेल, साधना पैंकरा सहित बड़ी संख्या में समाज के महिलाएं, युवा और बच्चे मौजूद थे।